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चमक रहे हैं
हमारे स्वागत में
दिन के नए पन्ने

इन्हीं में लिखनी है हमें
अपनी कहानियाँ
देना है अपना बयान

कि इन्हें बचना है
आग की लपटों से
ख़ून के धब्बों से