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"ना रहित झाँझर मड़इया फूस के / मनोज भावुक" के अवतरणों में अंतर

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ना रहित झाँझर मड़इया फूस के
 
ना रहित झाँझर मड़इया फूस के
 
घर में आइत घाम कइसे पूस के
 
घर में आइत घाम कइसे पूस के
 
 
  
 
के कइल चोरी, पता कइसे लगी
 
के कइल चोरी, पता कइसे लगी
 
चोर जब भाई रही जासूस के
 
चोर जब भाई रही जासूस के
 
 
  
 
आज ऊ लँगड़ो दरोगा हो गइल
 
आज ऊ लँगड़ो दरोगा हो गइल
 
देख लीं, सरकार जादू घूस के
 
देख लीं, सरकार जादू घूस के
 
 
  
 
ख्वाब में भलही रहे एगो परी
 
ख्वाब में भलही रहे एगो परी
 
सामने चेहरा रहे मनहूस के
 
सामने चेहरा रहे मनहूस के
 
 
  
 
जे भी बा, बाटे बनल बरगद इहाँ
 
जे भी बा, बाटे बनल बरगद इहाँ
 
पास के सब पेड़ के रस चूस के
 
पास के सब पेड़ के रस चूस के
 
 
  
 
तूहीं ना तऽ जिन्दगी में का रही
 
तूहीं ना तऽ जिन्दगी में का रही

21:50, 28 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण


ना रहित झाँझर मड़इया फूस के
घर में आइत घाम कइसे पूस के

के कइल चोरी, पता कइसे लगी
चोर जब भाई रही जासूस के

आज ऊ लँगड़ो दरोगा हो गइल
देख लीं, सरकार जादू घूस के

ख्वाब में भलही रहे एगो परी
सामने चेहरा रहे मनहूस के

जे भी बा, बाटे बनल बरगद इहाँ
पास के सब पेड़ के रस चूस के

तूहीं ना तऽ जिन्दगी में का रही
छोड़ के मत जा ए 'भावुक' रूस के