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नैना परदेसी सें लरकें / ईसुरी
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
नैना परदेसी सें लरकें।
भऐ बरवाद बिगर कैं।
नैनाँ मोरे सूर-सिपाही।
कवऊं न हारे लरकें।
जे नैना बारे सें पाले,
काजर रेखैं भरकें।
ईसुर भींज गई नइ सारी,
खोवन अँसुआ ढरकें।