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"पंछियों को फिर कहाँ पर ठौर है / कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर

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नीड़ के तिनके  
 
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अगर चुभने लगें
 
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पंछियों को फिर कहाँ पर ठौर है।
 
पंछियों को फिर कहाँ पर ठौर है।
 
 
  
 
जो न होतीं पेट की मज़बूरियाँ
 
जो न होतीं पेट की मज़बूरियाँ
 
 
कौन सहता सहजनों से दूरियाँ
 
कौन सहता सहजनों से दूरियाँ
 
 
छोड़ते क्यों नैन के पागल हिरन
 
छोड़ते क्यों नैन के पागल हिरन
 
 
रेत पर जलती हुई कस्तूरियाँ
 
रेत पर जलती हुई कस्तूरियाँ
 
 
  
 
नैन में पलकें
 
नैन में पलकें
 
 
अगर चुभने लगें
 
अगर चुभने लगें
 
 
पुतलियों को फिर कहाँ पर ठौर है।
 
पुतलियों को फिर कहाँ पर ठौर है।
 
  
  
 
पंख घायल थे मगर उड़ना पड़ा
 
पंख घायल थे मगर उड़ना पड़ा
 
 
दूर के आकाश से जुड़ना पड़ा
 
दूर के आकाश से जुड़ना पड़ा
 
 
एक मीठी बूँद पीने के लिए
 
एक मीठी बूँद पीने के लिए
 
 
जिस तरफ़ जाना न था मुड़ना पड़ा
 
जिस तरफ़ जाना न था मुड़ना पड़ा
 
  
  
 
फूल भी यदि
 
फूल भी यदि
 
 
शूल-से चुभने लगें
 
शूल-से चुभने लगें
 
 
तितलियों को फिर कहाँ पर ठौर है।
 
तितलियों को फिर कहाँ पर ठौर है।

10:11, 1 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

नीड़ के तिनके
अगर चुभने लगें
पंछियों को फिर कहाँ पर ठौर है।

जो न होतीं पेट की मज़बूरियाँ
कौन सहता सहजनों से दूरियाँ
छोड़ते क्यों नैन के पागल हिरन
रेत पर जलती हुई कस्तूरियाँ

नैन में पलकें
अगर चुभने लगें
पुतलियों को फिर कहाँ पर ठौर है।


पंख घायल थे मगर उड़ना पड़ा
दूर के आकाश से जुड़ना पड़ा
एक मीठी बूँद पीने के लिए
जिस तरफ़ जाना न था मुड़ना पड़ा


फूल भी यदि
शूल-से चुभने लगें
तितलियों को फिर कहाँ पर ठौर है।