भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पहली बारिश / गुलज़ार हुसैन

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:57, 29 अगस्त 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलज़ार हुसैन |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पहली बारिश की फुहार
कोई छू लेता है बालकनी से
और झूम उठता है
और कोई चिंतित हो जाता है
कि झोंपड़ी की छत से टपकती बूंदों से
कैसे बचाएगा अपने बच्चों की किताबें
कि कैसे भीगे बिस्तर पर सुलाएगा अपने बच्चों को
सड़क पर भरा घुटनों तक पानी
जब झोंपड़ियों में घुसने लगता है तो बच्चे डर जाते हैं
बारिश केवल खुशियां लेकर ही नहीं आती