भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पहाड़ / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सर्वेश्वरदयाल सक्सेना }} {{KKCatKavita}} <poem> भय से मुक्त कि…)
(कोई अंतर नहीं)

18:07, 29 सितम्बर 2010 का अवतरण

भय से मुक्त किया तुमने
पर आशंका से नहीं ।
जाने कब पहाड़ यह,
संतुलन बिगड़े
जा अतल में समाए
या फिर महाशून्य में
विलय हो जाए -
जिसे मैं अपनी छाती पर ढो रहा हूँ |
जिसके लिए निर्मल पारदर्शी जल
हो रहा हूँ |