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"पाठशाला खुला दो महाराज / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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पाठशाला खुला दो महाराज
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पाठशाला खुला दो, महाराज
मोर जिया पढ़ने को चाहे!
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मोर जिया पढ़ने को चाहे !
  
 
आम का पेड़ ये
 
आम का पेड़ ये
ठूंठे का ठूंठा
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ठूँठे का ठूँठा
 
काला हो गया
 
काला हो गया
हमरा अंगूठा
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हमरा अँगूठा
  
यह कालिख हटा दो महाराज
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यह कालिख हटा दो, महाराज
 
मोर जिया लिखने को चाहे
 
मोर जिया लिखने को चाहे
पाठशाला खुला दो महाराज
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पाठशाला खुला दो, महाराज
मोर जिया पढ़ने को चाहे!
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मोर जिया पढ़ने को चाहे !
  
’ज’ से जमींदार
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’ज’ से ज़मींदार
 
’क’ से कारिन्दा
 
’क’ से कारिन्दा
 
दोनों खा रहे
 
दोनों खा रहे
हमको जिन्दा
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हमको ज़िन्दा
  
कोई राह दिखा दो महाराज
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कोई राह दिखा दो, महाराज
 
मोर जिया बढ़ने को चाहे
 
मोर जिया बढ़ने को चाहे
पाठशाला खुला दो महाराज
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पाठशाला खुला दो, महाराज
मोर जिया पढ़ने को चाहे!
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मोर जिया पढ़ने को चाहे !
  
 
अगुनी भी यहाँ
 
अगुनी भी यहाँ
 
ज्ञान बघारे
 
ज्ञान बघारे
पोथी बांचे
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पोथी बाँचे
 
मन्तर उचारे
 
मन्तर उचारे
  
उनसे पिण्ड छुड़ा दो महाराज
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उनसे पिण्ड छुड़ा दो, महाराज
 
मोर जिया उड़ने को चाहे
 
मोर जिया उड़ने को चाहे
पाठशाला खुला दो महाराज
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पाठशाला खुला दो, महाराज
मोर जिया पढ़ने को चाहे!
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मोर जिया पढ़ने को चाहे !
 
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13:36, 17 सितम्बर 2023 के समय का अवतरण

पाठशाला खुला दो, महाराज
मोर जिया पढ़ने को चाहे !

आम का पेड़ ये
ठूँठे का ठूँठा
काला हो गया
हमरा अँगूठा

यह कालिख हटा दो, महाराज
मोर जिया लिखने को चाहे
पाठशाला खुला दो, महाराज
मोर जिया पढ़ने को चाहे !

’ज’ से ज़मींदार
’क’ से कारिन्दा
दोनों खा रहे
हमको ज़िन्दा

कोई राह दिखा दो, महाराज
मोर जिया बढ़ने को चाहे
पाठशाला खुला दो, महाराज
मोर जिया पढ़ने को चाहे !

अगुनी भी यहाँ
ज्ञान बघारे
पोथी बाँचे
मन्तर उचारे

उनसे पिण्ड छुड़ा दो, महाराज
मोर जिया उड़ने को चाहे
पाठशाला खुला दो, महाराज
मोर जिया पढ़ने को चाहे !