भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पावस गीत / राजकुमार

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:50, 5 अप्रैल 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजकुमार |अनुवादक= |संग्रह=टेसू क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चूमै छै हरियाली झूमै छै गाँव रे
ओझरैलोॅ किशुन संग रधिया रोॅ पाँव रे

रौदा रोॅ टिटकारी कोंपल-कोंपल क्वाँरी
भिंजलोॅ फुलवारी रोॅ छै तुनुक तनाव रे
ओझरैलोॅ किशुन संग रधिया रोॅ पाँव रे

कनकन अँगना-अँगना गुमसुम कंगना-कंगना
दुभड़ी-दुभड़ी झेलै छै गुनित दबाव रे
ओझरैलोॅ किशुन संग रधिया रोॅ पाँव रे

पोखरी-पोखरी भरलोॅ धार-धार पर चढ़लोॅ
लहर-लहर लहरैलोॅ छै नदी-तलाव रे
ओझरैलोॅ किशुन संग रधिया रोॅ पाँव रे

मेहोॅ में उमड़ैलोॅ पपिहा-मन छै कैलोॅ
मन-मयूर पर रिमझिम बूँद रोॅ अलाव रे
ओझरैलोॅ किशुन संग रधिया रोॅ पाँव रे

तितलोॅ डगरी-डगरी वृन्दावन रोॅ नगरी
राधा-राधा लेली छै किशुन पड़ाव रे
ओझरैलोॅ किशुन संग रधिया रोॅ पाँव रे