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"प्रतिकार / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर

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जो कुछ भी था जहाँ-जहाँ हर तरफ़
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18:43, 28 दिसम्बर 2020 का अवतरण

जो कुछ भी था जहाँ-तहाँ हर तरफ़
शोर की तरह लिखा हुआ
उसे ही लिखता मैं
संगीत की तरह ।

(रचनाकाल : 1999)