भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्रीत-3 / विनोद स्वामी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= विनोद स्वामी |संग्रह= }} Category:मूल राजस्थानी भाषा…)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार= विनोद स्वामी  
+
|रचनाकार=विनोद स्वामी  
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
+
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>रूई सूं धोळो आपणो प्रेम
+
{{KKCatKavita‎}}
 +
<poem>
 +
रूई सूं धोळो आपणो प्रेम
 
रूई चुगण रै सीजन  
 
रूई चुगण रै सीजन  
 
कीं और ई बध ज्यांवतो।
 
कीं और ई बध ज्यांवतो।

17:41, 18 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

रूई सूं धोळो आपणो प्रेम
रूई चुगण रै सीजन
कीं और ई बध ज्यांवतो।
तूं अेक दिन कैयो हो नीं कै
रूई चुगण रो काम
बारामासी क्यूं कोनी चालै?