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प्रेम किये जा प्रेम है, नहीं प्रेम में पाप / शिवदीन राम जोशी
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प्रेम बिना जीवन नीरस सरस प्रेम सरसाय,
धन्य दिवस प्रेमी मिले प्रेम सुधा बरसाय।
प्रेम सुधा बरसाय प्रेम फल ईश्वर अरपन,
फल चारों मिल जाय ज्ञानमय देखो दरपन।
कर भक्ति भगवान की राम नाम के संग,
उर शिवदीन निहारले अनुपम अद्भुत रंग।
राम गुण गायरे।।