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"प्रेम के समान ध्यान योग यज्ञ तप नहीं / शिवदीन राम जोशी" के अवतरणों में अंतर

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प्रेम के समान ध्यान  योग  यज्ञ  तप नहीं,
 
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प्रेम के  समान  और  ज्ञान  क्या लगाइये।
 
प्रेम के  समान  और  ज्ञान  क्या लगाइये।
प्रेम का प्रभव बडा  भक्ति  भाव भावना है,  
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प्रेम का प्रभाव  बडा  भक्ति  भाव भावना है,  
 
राम  कृष्ण जाने  और  कौन को जनाइये।
 
राम  कृष्ण जाने  और  कौन को जनाइये।
 
विद्या सब नीकी प्रेम भाव बिन फीकी-फीकी,
 
विद्या सब नीकी प्रेम भाव बिन फीकी-फीकी,

18:41, 23 जनवरी 2012 के समय का अवतरण

प्रेम के समान ध्यान योग यज्ञ तप नहीं,
प्रेम के समान और ज्ञान क्या लगाइये।
प्रेम का प्रभाव बडा भक्ति भाव भावना है,
राम कृष्ण जाने और कौन को जनाइये।
विद्या सब नीकी प्रेम भाव बिन फीकी-फीकी,
कहे शिवदीन बात और ना बढाइये।
आवो सतसंग करें मन में उमंग करे,
हमें जनम-जनम प्रभु प्रेम भाव चाहिये।