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खूब चक्कर काटे
वकीलों के,
अदालतों के
मुंशी, पेशकार, बाबू, बड़े बाबूओं के
इर्द-गिर्द घूमे
कानून के
दांव-पेंच झेले
ढेर सारे अनुच्छेदों के छेद से गुजरे
पर
यह नहीं पता चला
किसके साथ क्या हुआ
जो सबको अन्याय मिला।