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07:00, 9 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै
झमकू ! थूंई मत जाणे "राइवर" ऐकला रै!
साथे चूड़ीदार, चौपदार, हाकिम ने हवालदार
कागदियों से कांमदार, काका ऊभा किल्लेदार
भौमा ऊबा मज्जादार, सखाया सब लारोलार
फूल बिखौरे गजरों गंधियों रै
बनी थूंई मत जाणे बनासा एकला रै