भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{ KKLokRachna |रचनाकार }} बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै।<br> झमकू ! थूंई मत जाण...)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
{{
+
{{KKLokRachna
KKLokRachna
+
|रचनाकार=अज्ञात
|रचनाकार
+
}}
 +
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 +
|भाषा=राजस्थानी
 
}}
 
}}
  
 
बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै।<br>
 
बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै।<br>
झमकू ! थूंई मत जाणे ""राइवर'' ऐकला रै!<br>
+
झमकू ! थूंई मत जाणे "राइवर" ऐकला रै!<br>
 
साथे चूड़ीदार, चौपदार, हाकिम ने हवालदार,<br>
 
साथे चूड़ीदार, चौपदार, हाकिम ने हवालदार,<br>
 
कागदियों से कांमदार, काका ऊभा किल्लेदार।<br>
 
कागदियों से कांमदार, काका ऊभा किल्लेदार।<br>

18:00, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै।
झमकू ! थूंई मत जाणे "राइवर" ऐकला रै!
साथे चूड़ीदार, चौपदार, हाकिम ने हवालदार,
कागदियों से कांमदार, काका ऊभा किल्लेदार।
भौमा ऊबा मज्जादार, सखाया सब लारोलार
फूल बिखौरे गजरों गंधियों रै
बनी थूंई मत जाणे बनासा एकला रै।