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बहुत कठिन था, मगर सर ये मरहला तो हुआ / फ़रीद क़मर

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बहुत कठिन था, मगर सर ये मरहला तो हुआ,
तेरे बग़ैर भी जीने का हौसला तो हुआ.

ये और बात कि नेज़ों पे सर हमारे थे,
थमा हुआ था जो कल तक वो कर्बला तो हुआ.

इक ऐसा दौर, जहाँ प्यार है गुनाहे-अज़ीम,
ये इक गुनाह भी हमसे अगर हुआ तो हुआ.

सरों कि फ़स्ल सभी मौसमों में काटी गई,
हमारे खूं से ही गुलशन हरा भरा तो हुआ.