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"बातें हम अपने प्यार की, उनसे छिपाके कह गये / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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फिर भी जो अनकहा था वह पलकें झुकाके कह गए | फिर भी जो अनकहा था वह पलकें झुकाके कह गए | ||
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माना कि बात वह भी कुछ, ख़ुशबू उड़ाके कह गए | माना कि बात वह भी कुछ, ख़ुशबू उड़ाके कह गए | ||
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02:20, 7 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
बातें हम अपने प्यार की, उनसे छिपाके कह गये
देखिये बात क्या बने, कुछ तो बनाके कह गये
कहने की ताब थी न पर, शह उनकी पाके कह गये
जीने की बेबसी को हम सुर में सजाके कह गये
आँखों ने उनकी कल हमें, जाने पिला दिया था क्या!
कह न सके थे जो कभी, मस्ती में आके कह गये
भौंहों से, चितवनों से कुछ, आँखों से कुछ सुना दिया
फिर भी जो अनकहा था वह पलकें झुकाके कह गए
काँटोंभरे गुलाब को कोई बड़ा बताये क्यों
माना कि बात वह भी कुछ, ख़ुशबू उड़ाके कह गए