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बुला उसे, कह, आजा-आजा / गैयोम अपोल्लीनेर / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
तेरी गोद में सिर रखकर
मर गया था प्रेम
तुझे याद हैं क्या उससे हुई वे मुलाक़ातें
फिर से बुला उसे तू
पूछ उसका कुशल-क्षेम
वो फिर आ जाएगा, करेगा तुझसे वैसे ही बातें
बीत रहे हैं दिन वसन्त के
गुज़र जाएगा यह क्षण
बुला उसे, कह — आजा, आजा
जल रहा है याद में तेरी आज भी मेरा मन !
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय