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"बेटी जब पंख फैलाती है / सत्यनारायण सोनी" के अवतरणों में अंतर

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<poem>जवान होता बेटा  
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जवान होता बेटा  
 
जब उडारी भरने लगता है
 
जब उडारी भरने लगता है
 
दूर-दूर तक
 
दूर-दूर तक
तो मां-बाप के
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तो माँ-बाप के
फख्र का  
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फ़ख्र का  
पार नहीं रहता।
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पार नहीं रहता ।
 
और बेटी  
 
और बेटी  
 
जब पंख फैलाती है
 
जब पंख फैलाती है
तो मां-बाप के
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तो माँ-बाप के
फिक्र का  
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फ़िक्र का  
पार नहीं रहता।
+
पार नहीं रहता ।
 
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01:14, 31 अक्टूबर 2010 का अवतरण

 
जवान होता बेटा
जब उडारी भरने लगता है
दूर-दूर तक
तो माँ-बाप के
फ़ख्र का
पार नहीं रहता ।
और बेटी
जब पंख फैलाती है
तो माँ-बाप के
फ़िक्र का
पार नहीं रहता ।