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"भए अति निठुर, मिटाय पहचानि डारी / घनानंद" के अवतरणों में अंतर

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याही दुख में हमैं जक लागी हाय हाय है।
 
याही दुख में हमैं जक लागी हाय हाय है।
 
तुम तो निपट निरदई, गई भूलि सुधि,
 
तुम तो निपट निरदई, गई भूलि सुधि,
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सुनी है कै नाहीं, यह प्रगट कहावति जू,
 
सुनी है कै नाहीं, यह प्रगट कहावति जू,
 
काहू कलपायहै सु कैसे कल पायहै॥
 
काहू कलपायहै सु कैसे कल पायहै॥
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11:02, 16 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

भए अति निठुर, मिटाय पहचानि डारी,
याही दुख में हमैं जक लागी हाय हाय है।
तुम तो निपट निरदई, गई भूलि सुधि,
हमैं सूल सेलनि सो क्योहूँन भुलाय है।
मीठे मीठे बोल बोलि ठगी पहिलें तौ तब,
अब जिय जारत कहौ धौ कौन न्याय है।
सुनी है कै नाहीं, यह प्रगट कहावति जू,
काहू कलपायहै सु कैसे कल पायहै॥