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"भीड़ में अकेली तुम हो / अरनेस्तो कार्देनाल / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर

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16:07, 24 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

भीड़ में अकेली तुम हो
जैसे आसमान में अकेला चाँद
और अकेला सूरज है

कल तुम स्टेडियम में थीं
हज़ारों-हज़ारों लोगों के बीच

और जैसे ही मैं आया
मैंने तुम्हें देख लिया
गोया अकेली तुम थीं
खाली स्टेडियम में

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल