भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भेंट / प्रेमरंजन अनिमेष

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:49, 22 अक्टूबर 2009 का अवतरण ("भेंट / प्रेमरंजन अनिमेष" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरी प्रतीक्षा है मेरा स्वप्न

सब कुछ अच्छा-अच्छा
सोच कर रखता तुम्हारी अगवानी के लिए

पर तुम आते
और टूट जाता बाँध
बह निकलता
जिस तरह हूँ जैसा

बुरा न मानना
हमेशा के लिए
मत रूठना
माफ़ कर देना
इस बार भर

कर सकूँ
सब सोचा
सब सही

एक वसर और
फिर आना ज़रूर...