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मंगलाचरण / रामधारी सिंह ‘काव्यतीर्थ’

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सब विद्वानें कहै छै, भारत मुनि के देश।
कर जोड़ी विनती करौं बारंबार गणेश।।

गुरुवर हमरा बुद्धि देॅ करभौं शुभ गुणगान।
विश्वामित्र चरित्रा केॅ करौं पूर्ण सम्मान।।