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मलजी मोर बोले रै / लक्ष्मीनारायण रंगा
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ऊजळी चारणी री
आतमा री कुळण
घुळगी
मोरां रै मन में क
पळपल
छिण-छिण
रटै
मेहा आओऽऽऽऽऽऽ
मेहा आओऽऽऽऽऽऽ