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माँ / मुकेश नेमा

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माँ के किये से
बना ये संसार
उससे ही जन्में
सितारे और सूरज
पकड़ उँगली उसकी
चढ़े सारे पहाड
है नहीं अब वो
शेष भर हैं
टटोलना, अँधेरे