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माघ हे सखि मेघ लागल / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
माघ हे सखि मेघ लागल, पिया चलल परदेश यो
अपनो वयस ओतहि बिताओल, हमरा के बारि बयस यो
फागुन हे सखि आम मजरल, कोइली शब्द घमसान यो
कोइली शब्द सुनि हिया मोर सालय, नयना नीर बहि गेल यो
चैत हे सखि फुलल बेली, भ्रमर लेल निज बास यो
तेजि मोहन गेल मधुपुर, हमरा सऽ कओने अपराध यो
बैसाख हे सखि उखम ज्वाला, पिया रोपल चम्पा गाछ यो
ताहि तर हम ठाढ़ भेलौं, बहि गेल शीतल बयार यो