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"मुँह से कहते नहीं, 'गुलाब भी है' / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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वे बुरे को ही कह रहे हैं भला | वे बुरे को ही कह रहे हैं भला | ||
− | वही अच्छा है जो | + | वही अच्छा है जो ख़राब भी है |
चाहिए आँख देखने के लिए | चाहिए आँख देखने के लिए | ||
− | है जो परदे में, | + | है जो परदे में, बेनक़ाब भी है |
− | + | ख़्वाब कहते हैं लोग दुनिया को | |
− | सच है दुनिया हसीन | + | सच है दुनिया हसीन ख़्वाब भी है |
फ़ीका-फ़ीका हुआ है बाग़ का रंग | फ़ीका-फ़ीका हुआ है बाग़ का रंग | ||
यों तो होने को एक गुलाब भी है | यों तो होने को एक गुलाब भी है | ||
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18:51, 2 जुलाई 2011 का अवतरण
मुँह से कहते नहीं, 'गुलाब भी है'
पर उन आँखों में कुछ जवाब भी है
रूप की सादगी पे मत जायें
दूध में थोड़ी-सी शराब भी है
वे बुरे को ही कह रहे हैं भला
वही अच्छा है जो ख़राब भी है
चाहिए आँख देखने के लिए
है जो परदे में, बेनक़ाब भी है
ख़्वाब कहते हैं लोग दुनिया को
सच है दुनिया हसीन ख़्वाब भी है
फ़ीका-फ़ीका हुआ है बाग़ का रंग
यों तो होने को एक गुलाब भी है