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"मुखौटा / महेश सन्तुष्ट" के अवतरणों में अंतर

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आदमी का मुखौटा ओढ़कर  
 
आदमी का मुखौटा ओढ़कर  
 
बाहर आता है।
 
बाहर आता है।
 
'''मूल राजस्थानी से अनुवाद : दीनदयाल शर्मा'''
 
 
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12:16, 2 मई 2010 के समय का अवतरण

एक
नंगा आदमी
संसद में जाता है

और
बड़ी बारीकी से
आदमी का मुखौटा ओढ़कर
बाहर आता है।