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मेघ बहुत छै कारोॅ-कारोॅ / धनन्जय मिश्र

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मेघ बहुत छै कारोॅ-कारोॅ
खलियानी केॅ जाय संवारोॅ।

कोय्यो दुखड़ा कुछ नै सुनथौं
आपनो दुख केॅ नांय उघारोॅ।

के जानै छै पुनरजन्म केॅ
मरला केॅ आरो नै मारोॅ।

इक दिन तेॅ सब जरिये जैथौं
कहै ‘धनंजय’ जी नै जारॉे।