भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मैं तेरी रोशनाई होना चाहती हूं / अलका सिन्हा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
|||
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKPustak | ||
+ | |चित्र= | ||
+ | |नाम=तेरी रोशनाई होना चाहती हूं | ||
+ | |रचनाकार=[[अलका सिन्हा]] | ||
+ | |प्रकाशक=किताबघर प्रकाशन | ||
+ | |वर्ष=2008 | ||
+ | |भाषा=हिन्दी | ||
+ | |विषय=कविताएँ | ||
+ | |शैली= | ||
+ | |पृष्ठ=104 | ||
+ | |ISBN=978-81-89859-72 | ||
+ | |विविध= | ||
+ | }} | ||
* [[मैं तेरी रोशनाई होना चाहती हूँ / अलका सिन्हा]] | * [[मैं तेरी रोशनाई होना चाहती हूँ / अलका सिन्हा]] | ||
− | * [[ | + | * [[औरत और लंच-बॉक्स / अलका सिन्हा]] |
+ | * [[तुम क्या जानो / अलका सिन्हा]] |
00:12, 30 मई 2011 के समय का अवतरण
तेरी रोशनाई होना चाहती हूं
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | अलका सिन्हा |
---|---|
प्रकाशक | किताबघर प्रकाशन |
वर्ष | 2008 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 104 |
ISBN | 978-81-89859-72 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।