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|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi|भाषा=राजस्थानीKKCatRajasthaniRachna}}<poem>मोरिया आछो बोलियों रे ढलती रात ने, मोरिया आछो बोलियों रे ढलती रात ने, रात ने , रात ने  
औ, म्हारे हिवडे में बेगी रे गुजार मोरिया
 
आछो बोलियों रे ढलती रात ने
</poem>