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"यदि बचपन में बाँधी प्रेम की डोर / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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तो अपने ज्ञान और वैराग्य की पूँजी भी  
 
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लोग उन्हींको बाँट देते.
 
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02:24, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


यदि बचपन में बाँधी प्रेम की डोर
बच्चे बड़े होकर
अपने कठोर व्यवहार की कैंची से नहीं काट देते
तो अपने ज्ञान और वैराग्य की पूँजी भी
लोग उन्हींको बाँट देते.