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यह कैसी दीवाली है? / प्रकाश मनु

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इतना शोर-शराबा भाई
यह कैसी दीवाली है,
लगता जैसे आफत आई
यह कैसी दीवाली है!

बजे पटाखे धायँ-धायँ-धाँ
या गोले हैं तोप के,
काँप रहीं घर की दीवारें
यह कैसी दीवाली है!

ठायँ-ठायँ-ठाँ, ठायँ-ठायँ-ठुस
जेसे दो फौजें लड़ती हैं,
ऐसे युद्ध ठना है भाई-
यह कैसी दीवाली है!

आसमान सब धुआँ-धुआँ-सा
धरती पर गंधक के भभके,
कानों के परदे फटते हैं-
यह कैसी दीवाली है!

पल भर चैन नहीं है भाई
नहीं कहीं अब दिल की बातें,
चारों ओर मची आँधी है,
यह कैसी दीवाली है!

नहीं अँधेरा धरती पर हो
काली रात नहीं रह पाए,
अगर चाहते तुम, तो सोचो-
यह कैसी दीवाली है!