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"याद किस-किसकी उस क्षण आयी! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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यमुना-तट, वंशीवट, गायें!
 
यमुना-तट, वंशीवट, गायें!
 
दधि-घट लिए गोपबालायें
 
दधि-घट लिए गोपबालायें
क्या फिर पडीं दिखाई!
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                    क्या फिर पडीं दिखाई!
 
 
 
 
 
ध्यान महाभारत का आया!  
 
ध्यान महाभारत का आया!  
 
गीता को मन में दुहराया!  
 
गीता को मन में दुहराया!  
 
क्या अभिमन्यु, कर्ण की छाया  
 
क्या अभिमन्यु, कर्ण की छाया  
फिर नयनों में छायी!
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                      फिर नयनों में छायी!
 
 
 
 
 
बढ़े सखा-हित रथ निकालकर!  
 
बढ़े सखा-हित रथ निकालकर!  
 
माँ लायी नवनीत थाल भर!
 
माँ लायी नवनीत थाल भर!
 
पा राधा का परस भाल पर
 
पा राधा का परस भाल पर
समरसता टिक पायी!
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                    समरसता टिक पायी!
  
 
याद किस-किसकी उस क्षण आयी!
 
याद किस-किसकी उस क्षण आयी!
 
धरे व्याध का रूप काल ने जब पग छुये, कन्हाई!
 
धरे व्याध का रूप काल ने जब पग छुये, कन्हाई!
 
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04:46, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


याद किस-किसकी उस क्षण आयी!
धरे व्याध का रूप काल ने जब पग छुये, कन्हाई!
 
आयीं याद बाल-लीलायें!
यमुना-तट, वंशीवट, गायें!
दधि-घट लिए गोपबालायें
                     क्या फिर पडीं दिखाई!
 
ध्यान महाभारत का आया!
गीता को मन में दुहराया!
क्या अभिमन्यु, कर्ण की छाया
                      फिर नयनों में छायी!
 
बढ़े सखा-हित रथ निकालकर!
माँ लायी नवनीत थाल भर!
पा राधा का परस भाल पर
                     समरसता टिक पायी!

याद किस-किसकी उस क्षण आयी!
धरे व्याध का रूप काल ने जब पग छुये, कन्हाई!