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यूँ तो मैं तूफ़ान से डरता रहा / बल्ली सिंह चीमा

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यूँ तो मैं तूफ़ान से डरता रहा ।
काफ़िले के साथ पर चलता रहा ।

काश तुम मुझको अचानक ही मिलो,
मन ही मन मैं ये दुआ करता रहा ।

तू चरागाह बन सदा बिछती रही,
जानवर बन वो सदा चरता रहा ।

जीत होगी कि हार ये सोचा नहीं,
जंग मैं तेरे लिए करता रहा ।

तुझसे मिलकर मैं बड़ा हैरान हूँ,
तुझसे पहले किस तरह चलता रहा ।