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मन को रंग लो रंग रंगिले कोई चित चंचल चोली में
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होरी के ई धूमि मची है, सिहरो भक्तन की टोली में
  
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''संकलनकर्ता : जगदेव सिंह भदौरिया''
रसिया रस लूटो होली में, <br>
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होरी के ई धूमि मची है, सिहरो भक्तन की टोली में <br>
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18:25, 20 मार्च 2016 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रसिया रस लूटो होली में,
राम रंग पिचुकारि, भरो सुरति की झोली में
हरि गुन गाओ, ताल बजाओ, खेलो संग हमजोली में
मन को रंग लो रंग रंगिले कोई चित चंचल चोली में
होरी के ई धूमि मची है, सिहरो भक्तन की टोली में

संकलनकर्ता : जगदेव सिंह भदौरिया