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"रात यदि श्याम नहीं आये थे / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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मुख-सम्मुख उड़ता पीताम्बर | मुख-सम्मुख उड़ता पीताम्बर | ||
किसने फिर वे रास मनोहर | किसने फिर वे रास मनोहर | ||
− | वन में रचवाये थे! | + | वन में रचवाये थे! |
शंका क्यों रहने दें मन में! | शंका क्यों रहने दें मन में! | ||
चलकर सखि! देखें मधुवन में | चलकर सखि! देखें मधुवन में | ||
पथ के काँटों ने क्षण-क्षण में | पथ के काँटों ने क्षण-क्षण में | ||
− | आँचल उलझाये थे | + | आँचल उलझाये थे |
मुझे याद है हरि ने छिपकर | मुझे याद है हरि ने छिपकर | ||
मुग्ध दृष्टि डाली थी मुझपर | मुग्ध दृष्टि डाली थी मुझपर | ||
क्यों अंगों में सिहर रही भर | क्यों अंगों में सिहर रही भर | ||
− | भेंट न यदि पाये थे! | + | भेंट न यदि पाये थे! |
रात यदि श्याम नहीं आये थे | रात यदि श्याम नहीं आये थे | ||
मैंने इतने गीत सुहाने किसके सँग गाये थे! | मैंने इतने गीत सुहाने किसके सँग गाये थे! | ||
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04:47, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
रात यदि श्याम नहीं आये थे
मैंने इतने गीत सुहाने किसके सँग गाये थे!
गूँज रहा अब भी वंशी-स्वर
मुख-सम्मुख उड़ता पीताम्बर
किसने फिर वे रास मनोहर
वन में रचवाये थे!
शंका क्यों रहने दें मन में!
चलकर सखि! देखें मधुवन में
पथ के काँटों ने क्षण-क्षण में
आँचल उलझाये थे
मुझे याद है हरि ने छिपकर
मुग्ध दृष्टि डाली थी मुझपर
क्यों अंगों में सिहर रही भर
भेंट न यदि पाये थे!
रात यदि श्याम नहीं आये थे
मैंने इतने गीत सुहाने किसके सँग गाये थे!