भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रिमिक्स / नासिर अहमद सिकंदर

Kavita Kosh से
गंगाराम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:33, 23 नवम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नासिर अहमद सिकंदर |संग्रह= }} <Poem> वह बहुत पुराने-- ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वह बहुत पुराने--
यादगार गीत पर नृत्य कर रही
गीत के बोल- शब्द वही पुराने
अर्थ वही नहीं

गायन से गायब
गायिकी-अंदाज

संगीत से राग
सुरताल-थाप
झंकार

नृत्य से
उस वक़्त की अभिनेत्री के
पाँव की थिरकन
चेहरे से भाव-भंगिमाएँ

देह से रिदम की संगत
आवश्यक वस्त्र

सब से अहम छूमंतर
नृत्य सम्मोहन
मनभावन !