भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रेत होते सपने / रवि पुरोहित

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:32, 2 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= रवि पुरोहित }} Category:मूल राजस्थानी भाषा {{KKCatKavita‎}}<poem>…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दोनों ने मिल
मनोयोग से
बनाया
रेत का घरौंदा

उफ़ान आया
तभी नदी में
और ध्वस्त हो गए
सारे सपने !

राजस्थानी से अनुवाद: स्वयं कवि द्वारा