भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रोजा / भारत हमको जान से प्यारा है

Kavita Kosh से
सम्यक (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:03, 26 दिसम्बर 2009 का अवतरण (भारत हमको जान से प्यारा है / रोजा का नाम बदलकर रोजा / भारत हमको जान से प्यारा है कर दिया गया है)

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: पि. के. मिश्रा                 

भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्तां हमारा है

सदियों से भारत भूमि दुनिया कि शान् है
भरत मा कि रक्षा मे जीवन कुर्बान् है
भारत हमको जान से प्यारा है ...

उजडे नही अपन चमन टूटे नहि अपना वतन्
गुमराह् न कर दे कोई, बर्बाद न कर दे कोई
मन्दिर यहाँ मस्जिद् यहाँ हिन्दु यहाँ मुस्लिम यहाँ
मिलते रहे हम्
प्यार से जागो ...

हिन्दुस्तानी नाम हमारा है
सबसे प्यारा देश हमारा है
जन्मभूमि है हमारी शान् से कहेंगे हम
सब ही तो भाई भाई प्यार् से रहेंगे हम
हिन्दुस्तनी नाम हमारा है
भारत हुमको जान् से प्यारा है

आसाम से गुजरात तक बंगाल से महाराशट्र तक
जाती के धुन् एक है भाशा के सुर एक है
कश्मीर से मद्रास तक् कैह दो सभी हम एक है
आवाज दो हम एक है
जागो ...