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रोड़ौ : एक / सुनील गज्जाणी

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|रचनाकार=सुनील गज्जाणी |अनुवादक=
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{{KKCatRajasthaniRachna}}{{KKCatKavita‎}}<poemPoem>म्है रोड़ौ
मरग मांय पड्यौ
आवण-जावण आळा
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