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लहरें / सुभाष शर्मा

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यह जानते हुए भी
कि गिरना है अन्ततः
बार-बार उठती हैं लहरें
देती हैं खुली चुनौती काल को
और नीचे जाकर नापती हैं गहराई
लोग लहरें देखकर भी
क्यों डरते हैं गिरने से ?