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"लू / चंद्रसिंह बिरकाली" के अवतरणों में अंतर

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कोमल-कोमल पांखडया, कोमल-कोमल पान !
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कोमल-कोमल बेलडया, राख्या लुआं ध्यान !!
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|नाम=लु (दोहावली)
 
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लुआं लाग पिळीजिया, आमाँ हाल-बेहाल !
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पीजूं मरुधर पाकिया, ले लाली जूं लाल !!
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* [[दस दोहे (01-10) / चंद्रसिंह बिरकाली]]

14:54, 24 नवम्बर 2010 का अवतरण

लु (दोहावली)
General Book.png
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रचनाकार चंद्रसिंह बिरकाली
प्रकाशक
वर्ष
भाषा राजस्थानी
विषय कविता
विधा दोहा
पृष्ठ
ISBN
विविध काव्य
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।