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"वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै / घनानंद" के अवतरणों में अंतर

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लड़कीली बानि आनि उर मैं अरति है।
 
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वहै गति लैन औ बजावनि ललित बैन,
 
वहै गति लैन औ बजावनि ललित बैन,
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आनँदनिधान प्रानप्रीतम सुजानजू की,  
 
आनँदनिधान प्रानप्रीतम सुजानजू की,  
 
सुधि सब भाँतिन सों बेसुधि करति है।।
 
सुधि सब भाँतिन सों बेसुधि करति है।।
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11:04, 16 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै
लड़कीली बानि आनि उर मैं अरति है।
वहै गति लैन औ बजावनि ललित बैन,
वहै हँसि दैन, हियरा तें न टरति है।
वहै चतुराई सों चिताई चाहिबे की छबि,
वहै छैलताई न छिनक बिसरति है।
आनँदनिधान प्रानप्रीतम सुजानजू की,
सुधि सब भाँतिन सों बेसुधि करति है।।