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"विजयी विश्व तिरंगा प्यारा (झंडा गीत) / श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'" के अवतरणों में अंतर

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विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
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झंडा ऊंचा रहे हमारा।
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वीरों को हरषाने वाला,
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कांपे शत्रु देखकर मन में,
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मिट जाए भय संकट सारा।। झंडा...।
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इस झंडे के नीचे निर्भय,
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लें स्वराज्य यह अविचल निश्चय,
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एक साथ सब मिलकर गाओ,
 
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प्यारा भारत देश हमारा।। झंडा...।
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इसकी शान न जाने पाए,
 
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चाहे जान भले ही जाए,
 
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विश्व-विजय करके दिखलाएं,
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विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
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झंडा ऊंचा रहे हमारा।
 
'''रचनाकाल : 1924'''
 
'''रचनाकाल : 1924'''
 
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15:52, 1 मई 2015 के समय का अवतरण

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।

सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला,

वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा।। झंडा...।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर बढ़े जोश क्षण-क्षण में,

कांपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाए भय संकट सारा।। झंडा...।

इस झंडे के नीचे निर्भय,
लें स्वराज्य यह अविचल निश्चय,

बोलें भारत माता की जय,
स्वतंत्रता हो ध्येय हमारा।। झंडा...।

आओ! प्यारे वीरो, आओ।
देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ,

एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा।। झंडा...।

इसकी शान न जाने पाए,
चाहे जान भले ही जाए,

विश्व-विजय करके दिखलाएं,
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।। झंडा...।

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
रचनाकाल : 1924