भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शहर अब भी संभावना है / अशोक वाजपेयी

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:48, 6 जुलाई 2014 का अवतरण ("शहर अब भी संभावना है / अशोक वाजपेयी" सुरक्षित कर दिया (‎[edit=sysop] (बेमियादी) ‎[move=sysop] (बेमियादी)))

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


शहर अब भी संभावना है
Shahar ab bhee sambhavana hai.jpg
रचनाकार अशोक वाजपेयी
प्रकाशक भारतीय ज्ञानपीठ
वर्ष 1981
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा
पृष्ठ 100
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

अपनी आसन्नप्रसवा माँ के लिए तीन गीत

एक कविता-क्रम