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श्री विनोदानन्द स्वर्गवास तिथि / शब्द प्रकाश / धरनीदास

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सतरहसौ एकतीस, भवो सम्वत्सर सोमी। कृष्ण पच्छ परतच्छ, सुभग श्रावन तिथि नौमी॥
करि विचार भृगुवार, विनोदानन्छ पधारे। सुरनर मुनि गन्धर्व अप्सरन आरति बारे॥
सिगरे वाल गोपाल कँह, अगुमन आसिरवचन दिहु।
चढ़ि तवमान शिर मुकट धरि, आप गवत निज भवन किहु॥20॥