भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सडक और एम्बुलेन्स / भूपिन / चन्द्र गुरुङ" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=भूपिन
 
|रचनाकार=भूपिन
|अनुवादक=चंद्रा गुरुंग
+
|अनुवादक=चन्द्र गुरुङ
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
 +
{{KKCatNepaliRachna}}
 
<poem>
 
<poem>
 
साइरन बजाते हुए
 
साइरन बजाते हुए

09:34, 25 मई 2017 के समय का अवतरण

साइरन बजाते हुए
एम्बुलेन्स दौड रही है
सडक पर।

अस्पताल कहाँ है?
एम्बुलेन्स को मालूम नहीं
एम्बुलेन्स को सिर्फ मालूम है
अन्दर सीट में
समय के सडक में दुर्घटित
गम्भीर रोगी सो रहा है
और उसको
जितना हो सके जल्दी अस्पताल पहुँचाना
बहुत जरुरी है।

आदमियो !
जल्दी, और जल्दी
टुटे हुए सडक को मरम्मत करो
और एम्बुलेन्स के लिए खाली कर दो
यह सडक।
इस सडक पर
साईरन बजाते हुए दौड रही है
एम्बुलेन्स।

मेरे रोगी देशको उठाये
सडक पर
एम्बुलेन्स दौड रही है।