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(एक रचना एक से अधिक संग्रहों में...: नया विभाग)
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आदरणीय राजीव जी
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              सादर नमस्कार ,
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                    महादेवी वर्मा जी की कविताएँ जो अपने कविताकोश में  जोड़ी है वाकई बहुत अच्छी है उन्हें पढ़ कर बहुत अच्छा लगा  .........कविताकोश में रचना को विभिन्न श्रेणी में रखा गया है जैसे कविता ग़ज़ल नज़्म रुबाई त्रिवेणी आदि
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और इन सबके लिए अलग अलग टेम्पलेट भी बनाये गए हैं जिससे खोज करने में आसानी होती है
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कविता श्रेणी के लिए  KKCatKavita
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ग़ज़ल श्रेणी के लिए KKCatGhazal
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नज़्म के लिए KKCatNazm
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रुबाई के लिए KKCatRubaayi
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महादेवी वर्मा की कविताओं में कृपया कविता का टेम्पलेट भी साथ-साथ ही लगाते जाएँ
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धन्यवाद
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--[[सदस्य:Shrddha|Shrddha]] ११:४१, २६ अक्टूबर २००९ (UTC)

17:11, 26 अक्टूबर 2009 का अवतरण

आदरणीय राजीव जी

         आप के द्वारा जोड़ी गईं कुछ दुर्लभ रचनाएँ पढ़ कर बहुत अच्छा लगा 

रचनाएँ जोड़ते समय आप हर पंक्ति में br tag (break line) जोड़ रहे हैं, अब वह करने की ज़रूरत नहीं है

सिर्फ poem tag लगाकर ही कविता जोड़ी जा सकती है कृपया आप अपने द्वारा जोड़े गए पुराने कार्य में किये गए बदलाव को देख लें इसे देखने के लिए आप 'बदले' बटन का प्रयोग कर सकते हैं उस पेज पर आपको कविताकोश में प्रयोग हो रहा टेम्पलेट भी मिल जाएगा

आशा है आप जल्दी जल्दी ऐसी बहुत सी दुर्लभ और खूबसूरत रचनाएँ जोड़ेंगे जिसका हम सब पाठक लाभ उठा सकेंगे अगर आपको फिर भी कोई परेशानी हो तो बताइएगा

--Shrddha १६:१९, ९ अक्तूबर २००९ (UTC)

एक रचना एक से अधिक संग्रहों में...

नमस्कार,


पिछले दिनों अमिताभ जी, श्रद्धा और धर्मेन्द्र कुमार को कविता कोश में रचनाएँ जोड़ते समय एक समस्या का सामना करना पड़ा था। यदि एक ही रचना किसी कवि के एक से अधिक संग्रहों में प्रकाशित हुई हो तो क्या उस रचना को हर संग्रह के लिये अलग-अलग टाइप करना चाहिये? इसका जवाब है "नहीं"...


आज मैनें KKRachna टैम्प्लेट के कोड में कुछ बदलाव किये हैं। इससे अब आप किसी भी रचना को एक से अधिक संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं। इसके लिये आपको संग्रहों के नामों को सेमी-कोलन (;) से अलग करना होगा। उदाहरण के लिये:


{{KKRachna
|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
|संग्रह=परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला";अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
}}


इस उदाहरण में रचना को 2 संग्रहों (परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" और अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला") का हिस्सा बताया गया है। ध्यान दीजिये कि दोनों संग्रहों के नाम सेमी-कोलन (;) से अलग किये गये हैं। इस तरह ज़रूरत पड़ने पर आप किसी रचना को कितने भी संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं।


इस सुविधा का प्रयोग होते हुए आप यहाँ देख सकते हैं: मित्र के प्रति / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"


आशा है आपको यह सुविधा उपयोगी लगेगी।


सादर


--सम्यक २१:३५, १९ अक्टूबर २००९ (UTC)



आदरणीय राजीव जी

             सादर नमस्कार ,
                   महादेवी वर्मा जी की कविताएँ जो अपने कविताकोश में  जोड़ी है वाकई बहुत अच्छी है उन्हें पढ़ कर बहुत अच्छा लगा  .........कविताकोश में रचना को विभिन्न श्रेणी में रखा गया है जैसे कविता ग़ज़ल नज़्म रुबाई त्रिवेणी आदि 

और इन सबके लिए अलग अलग टेम्पलेट भी बनाये गए हैं जिससे खोज करने में आसानी होती है

कविता श्रेणी के लिए KKCatKavita
ग़ज़ल श्रेणी के लिए KKCatGhazal
नज़्म के लिए KKCatNazm
रुबाई के लिए KKCatRubaayi

महादेवी वर्मा की कविताओं में कृपया कविता का टेम्पलेट भी साथ-साथ ही लगाते जाएँ

धन्यवाद

--Shrddha ११:४१, २६ अक्टूबर २००९ (UTC)