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"सब के बरदिया कोसी माय अमरपुर पहुंचल / अंगिका" के अवतरणों में अंतर

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19:26, 11 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सब के बरदिया कोसी माय अमरपुर पहुंचल
हमरो बरदिया उसर में लोटाय ।
सब कोय बनीजल कोसीमाय पाकल बीड़ा पान,
हमहूँ बनिजवै कोसीमाय लंग अड़ाँची ।
जब तोरा आहे बेपरिया पार देवों उतारि
वेपरिया किय देव दान ।
घाटे वारे चढ़ेबो कोसीमाय हसाना बीड़ा पान
घरे घरे छौकी ज्योनार ।
घरही जे जेबे सहुआ, सहुनिया बुधि रचबे
बिसरि जेबे कोसिका नाम ।
जीबो मोरा जेतै कोसीमाय परानो किछु गे बचतै
तैयो ने विसिरवौ तोर नाम ।।